Dams of Rajasthan – राजस्थान के प्रमुख बांध निम्नलिखित हैं:
1. जंवाई बांध:
- मारवाड़ का अमृत सरोवर कहलाता हैं।इसकी नींव 13 मई 1946 को जोधपुर महाराजा उम्मेद सिंह ने रखी।
- यह लूनी की सहायक नदी जवाई पर पाली में स्थित हैं।
- इसका निर्माण इंजिनियर एडगर व फर्गुसन की देखरेख में हुआ।
- यह पाली व जोधपुर में जलापूर्ति का मुख्य स्त्रोत हैं।
- राजस्थाान के गठन के पश्चात् 1956 में यह बांध मुख्य अभियंता मोती सिंह की देखरेख में पूर्ण हुआ।
- सेई बांध, उदयपुर का प्रथम बार जल 9 अगस्त 1977 को जवाई बांध में डाला गया।
- जवाई बांध की जल क्षमता बढ़ाने के लिए 1971 में सेई बांध परियोजना बनाई गई।
- उदयपुर की कोटड़ा तहसील में बने सेई बांध से पानी जवाई बांध में लाने के लिए पहाड़ से 7 की.मी. लम्बी सुंरग बनाई गई।
- जवाई बांध जल अभयारण्य की दृष्टि से पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध हैं।
2. बारेठा बांध:
- भरतपुर की बयाना तहसील के बारेठा गांव में स्थित।कुकुन्द नदी पर 1897 में महाराजा रामसिंह के समय निर्माण।
- निर्माण कार्य 1866 में जसवंत सिंह के शासनकाल में पूर्ण।कमाण्डर इंजिनियर बहादुर राॅयल द्वारा प्रारंभ किया गया।
- इस बांध को वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में घोषित किया गया हैं।
- इस बांध की बनावट एक जहाज के जैसी है अतः यह दूर से जहाज के समान दिखाई देता हैं।
3. गांधी सागर बांध:
- 1960 में चम्बल नदी पर एम.पी. के मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील में निर्माण।
- यह 510 मीटर लम्बा व 62 मीटर चैड़ा हैं।
- इस बांध पर विधुत ग्रह का निर्माण किया गया हैं।
4. राणा प्रताप सागर बांध:
- इसका निर्माण द्वितीय चरण में चितौड़गढ़ जिले के रावतभाटा नामक स्थान पर किया गया हैं।
- इसका निर्माण कार्य 1970 में पूर्ण हुआ।
- इसकी लम्बाई 1170 मीटर व चैड़ाई 36 मीटर हैं।
- इस बांध पर कनाड़ा की सहायता से परमाणु बिजली घर की स्थापना की गई।
- विश्व का सबसे सस्ता बांध जिसका निर्माण 31 करोड़ में किया गया।
- इसकी जल भण्डारण क्षमता सर्वाधिक हैं।
5. जवाहर सागर बांध:
- 1962 से 1973 के मध्य कोटा के बोरावास नामक स्थान पर निर्माण किया गया।
- कोटा व बूंदी को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होती हैं।
- इसका निर्माण विधुत उत्पादन के लिए किया गया हैं।
- यह एक पिकअप बांध हैं।
6. कोटा बैराज:
- इसका निर्माण 1953 में शुरू व 1960 में पूर्ण हुआ।बांध के दांयी व बांयी ओर नहरों का निर्माण किया गया।
- बांयी नहर राजस्थान में सिंचाई के काम आती हैं।इसकी कुल लम्बाई 178 कि.मी. हैं।
- चम्बल कमाण्ड क्षेत्र में राजस्थान कृषि डेªनेज अनुसंधान परियोजना, कनाडा की अन्तर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी के सहयोग से चलाई जा रही हैं।
7. टोरड़ी सागर बांध:
- टोरड़ी गांव, टोंक में 1887 में निर्माण किया गया।
- इसकी प्रमुख विशेषता है कि इसकी सभी मोरिया खोल देने पर एक बूंद पानी भी नहीं रूकता हैं।
8. जाखम बांध:
- इसका निर्माण प्रतापगढ़ जिले के अनुपपुरा के पास जाखम नदी पर 81 मीटर ऊंचाई पर किया गया हैं
- इसका निर्माण टी.एस.पी. जनजाति उपयोजयना के अंतर्गत किया गया हैं।
- जाखम नदी के उपर एक विद्युत ग्रह का निर्माण किया गया हैं।
9. बिसलपुर बांध:
- टोंक जिले में टोडारायसिंह से 13 कि.मी. दुर बीसलपुर गांव में बनास व डाई नदी के संगम पर 1987 में निर्माण।
- इसका मुख्य उद्देश्य टोंक, बूंदी व अजमेर जिले को पेयजल उपलब्ध करवाना था।
- एशिया विकास बेंक की सहायता से आर.वी.आई.डी.पी. द्वारा परियोजना के ट्रासमिशन का कार्य प्रारम्भ किया गया।
- यह राजस्थान की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना हैं।
- बीसलपुर परियोजना के लिए नाबार्ड के ग्रामिण आधार ढ़ांचा विकास कोष से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती हैं।
10. मेजा बांध:
- माण्डलगढ़ कस्बे, भीलवाड़ा मे कोठारी नदी पर स्थित हैं।
- इस बांध पर बनाये गये मेजा पार्क को ग्रीन माण्ऊट के नाम से जाना जाता हैं।
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11. पांचना बांध:
- करौली के गुड़ला गांव के पास पांच नदीयों(भद्रावती, अटा, माची, बरखेड़ा, भैसावर)के संगम पर मिट्टी से बना बांध
- राजस्थान में मिट्टी से बना यह सबसे बड़ा बांध हैं।
- इस बांध का निर्माण अमेरिका के आर्थिक सहयोग से किया गया हैं।
- पांचना बांध परियोजना यू.एस.ए. के सहयोग से चलाई जा रही हैं।
12. औराई बांध:
- यह औराई नदी पर चितौड़गढ में स्थित हैं।
- इसका उद्देश्य चितौड़गढ़ को पेयजल उपलब्ध करवाना हैं।
13. बांकली बांध:
- जालौर में सूकड़ी तथा कुलथाना नदीयों के किनारे बांकली गांव में स्थित हैं।
14. अडवाण बांध:
- यह भीलवाड़ा में मानसी नदी पर स्थित हैं।
15. नारायण सागर बांध:
- यह अजमेर जिले के ब्यावर के पास खारी नदी पर स्थित हैं।
- इसे अजमेर जिले का समुन्द्र कहा जाता हैं।
16. हरसौर बांध:
- नागौर की डेगाना तहसील मे 1959 में निर्माण।
- इस बांध से लूणियास व हरसौर नहर विकसीत की गई।
17. अजान बांध:
- भरतपुर में सूरजमल जाट द्वारा निर्माण करवाया गया।
- इसका निर्माण बांणगंगा व गंभीरी नदी के पानी को भरतपुर में नहीं आने देने के लिए किया गया।
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18. मोतीझील बांध:
- इस बांध का निर्माण रूपारेल नदी पर सूरजमल जाट द्वारा किया गया हैं।
- इसे भरतपुर की लाईफ लाईन कहा जाता हैं।
- इस बांध के द्वारा रूपारेल व बांणगंगा का पानी यू.पी. की ओर निकाला जाता हैं।
19. नंदसमंद बांध:
- इसे राजसमंद की जीवन रेखा कहा जाता हैं।
- इस बांध का निर्माण नाथद्वारा (राजसमंद) में बनास नदी के तट पर 1955 में करवाया गया।
20. सीकरी बांध:
- यह बांध भरतपुर मे स्थित हैं।
- इस बांध द्वारा नगर, कामा, डीग तहसील के अनेक बांधो को भरा जाता है।
- यह बांध रूपारेल नदी पर स्थित हैं।
21. लालपुर बांध:
- यह भरतपुर में स्थित हैं।
- इस बांध को बाणगंगा नदी द्वारा भरा जाता हैै।
22. अजीत सागर बांध:
- यह बांध खेतड़ी (झुझुनूं) में स्थित हैं।
23. पन्नालाल शाह का बांध:
- यह बांध खेतड़ी (झुझुनूं) में स्थित हैं।
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