Irrigation in Uttar Pradesh – उत्तर प्रदेश में सिंचाई से सम्बंधित जानकारी निम्नलिखित है:
- गुरसराय नहर और मंदर नहर, माता टीला बाँध (रानी लक्ष्मीबाई बाँध) से निकलने वाली दो प्रसिद्द नहरें हैं।
- मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश दो ऐसे राज्य हैं जो केन नहर परियोजना में शामिल हैं।
- हथनी कुंड बैराज (ताजे वाला बैराज) पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और हिमांचल प्रदेश की संयुक्त परियोजना है।
- बाण सागर बाँध एवं नहर परियोजना तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार की संयुक्त परियोजना है।
- राजघाट बाँध एवं नहर परियोजना दो राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की संयुक्त परियोजना है।
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरयू नहर परियोजना 1977-78 से निर्माणाधीन है।
- सरयू नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना 2012 में घोषित किया गया।
- देश में उत्तर प्रदेश का कुल कृषि क्षेत्र में सिंचित प्रतिशता के दृष्टि से तीसरा स्थान है।
- प्रदेश के पश्चिमी भाग में नलकूपों की गहनता सर्वाधिक है।
- उत्तर प्रदेश में शुद्ध सिंचित भूमि के 5 प्रतिशत भू-भाग की सिंचाई नलकूपों से की जाती है।
- उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक (लम्बाई में) नहरें रायबरेली जिले (2,843 किमी) में हैं।
- उत्तर प्रदेश में सबसे कम (लम्बाई में) नहरें अमरोहा (52 किमी) में हैं।
- उत्तर प्रदेश में नलकूपों से सिंचाई का प्रचलन 1930 के आस-पास शुरू हुआ।
- उत्तर प्रदेश में की जाने वाली सिंचाई में सर्वाधिक सिंचाई नलकूपों से की जाती है।
- उत्तर प्रदेश निशुल्क बोरिंग योजना सन 1985 से शरू की गयी।
यह भी देखें 👉👉 उत्तर प्रदेश में वनस्पति एवं फल
यह भी देखें 👉👉 उत्तर प्रदेश में मृदा एवं खनिज
No comments:
Post a Comment